Tuesday 3 May 2011

मेरा अभिमान....

है हमारे परिवार की जान,
असल में है वो तूफान.
थकता नहीं करते वो शरारते,
सबका मन जीते उसकी बातें.
चाहे जो कहो, है वो मेरी जान,
मेरे भाई है मेरा अभिमान.
ज़िन्दगी उसके बिना होती सुनी,
रहता मनमौजी , अपने मैं वो धुनी.
लम्बा हो गया है मेरे पापा से अब,
कितना प्यारा था वो छोटा था जब.
उसे प्यार करे सब अपने,
पूरा करेगा वो सब के सपने.
बस इश्वर दे उसे थोड़ी बुधी,
है वो बड़ा जिद्दी.
छोटा था जब था कितना भोलू,
मेरी जान, मेरे भाई सोनू.


DEDICATED TO SHREYANSHU MISHRA

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