Monday 4 January 2016

गुरू को नमन

गिनी जाऐ वो कौन सी सदी,
न जिसमे गुरू का बखान हुआ हो |
बताऊ वो कौन सा कार्य,
न जिसमे गुरू का स्थान आया हो |
एक मनुष्य के जन्म से ही शुरू हो जाती है,
गुरू शिक्षा के शब्दो का महत्व |
जीवन के हर पन्ने सिखाता समझाता गुरू,
चिकने घडे़ से इन्सान को परिपक्व बनाता है गुरू |
चाहे किसी भी मकाम में पहुचे मनुष्य,
हर सफलता के पीछे नीव बनाता है गुरू |

एक दिन है समर्पित पूर्णतह गुरू के चरणों में |

आज की पीढ़ी चाहे न बन पाऐ एकलव्य,
पर आज भी हर गुरू ने साथ दिया शिष्या का द्रोणाचार्य सा |

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