Thursday, 28 April 2011

ये है मेरी कहानी

चाहती हूँ सबसे प्यार पाना,
पर रह जाती हूँ सबसे तनहा.
सब ढूंढे है मुझी में ही कमी,
कोई न देखे मेरी खूबी.
क्यूँ बनू मैं दूसरों जैसे,
क्या, नहीं अछी हु मैं ऐसी???

DATED: MARCH 2007


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