Monday, 31 March 2014

ईश्वर की रचना हुई शोशित

था कभी ऐसा भी एक नज़ारा,
देखने में ये जहाँ लगता था कितना प्यारा।

हरियाली ही हरियाली थी हर जगह,
फूलों से सजा था सारा समां।

ईश्वर की पवित्र रचना हुई शोशित,
मानवों ने कर दिया इन्हे प्रदूशित।

ना जाने कहाँ गया वो कुदरत का नज़राना,
कलयुग में आ गया मिलावट का ज़माना।

हर चीज़ होती जा रही है अशुद्ध,
बिमारियों से लड़ लड़ के जी रहे है सब।

रास्ता ढूँढना पड़ेगा हमें खुद,
ताकी वापस आ सके वो हरियाली-खुशहाली अब। 

इतनी है चाहत

हमें दर्द ने कर दिया बेहाल,
तकलीफो का हर तरफ है जनजाल

क्यूँ कोई न समझे मेरी परेशानी,
तुम भी न समझे है इस बात पे हैरानी।

दर्द और तकलीफ से डरती हूँ मैं,
तुम न समझे की तुमसे कितना प्यार करती हूँ मैं।

हर एक पल तुमसे दूर,
होती हूँ मैं मजबूर।

कल की अनहोनी का डर  है मुझे सताता,
रह रह के खुद पे है गुस्सा आता।

तुम में ही तो मेरी जान है,
जीने का सिर्फ एक अरमान है।

तुम हर पल रहो मेरे पास,
दिल में बस है ये एक आस।

बस एक बार मुझे समझ जाओ,
इतनी है चाहत कि तुम मेरे हो जाओ।

नफरत सी हो गई है

आप हो हमारे साथ तो हर ख़ुशी पाई हमने,
हर पल हमारी वजह से तकलीफ पाई तुमने।

सोचा था हर ख़ुशी देंगे,
हर गम हम खुद पर ले लेंगे।

खुद से नफरत सी हो गई है,
हमारी वजह, तुम्हारी ख़ुशी हुई गुम है।

और दर्द तुम्हे दे न सकेंगे,
पर ! तुमसे दूर हम रेह न सकेंगे।

Sunday, 23 March 2014

क्या कहे क्या न कहे?

क्या कहे क्यूँ ये मन मचल रहा है,
क्या कहे क्यूँ ये दिल तड़प रहा है। 

कौन समझाए उन्हें कि ये जुदाई कितना दर्द देती है,
कौन समझाए उन्हें कि ये जुदाई हमारी जान लेती है। 

हमारे नसीब में उस चीज़ का इंतज़ार लिखा है,
खुदा ने हमे न उसका हक़दार किया है। 

पास आते हुए हमने उससे गवा दिया,
जाते जाते उन्होंने हमे रुला दिया। 

क्या कहें क्या न कहें हम किस मोढ़ पे है,
दिल दरिया उनके साहिल के इंतज़ार में है। 

ऐसा लगता है तुम हो.....

न जाने क्यूँ जब हवा छू के गुज़रती है,
ऐसा लगता है तुम हो।
जब दिल डर के सहमता है,
ऐसा लगता है तुम हो।
कोई चुपके से कानो में कुछ बोले तो,
ऐसा लगता है तुम हो।
मेरी हर रातों में बातों में तुम हो,
ऐसा लगता है कि तुम से ही ये ज़िन्दगी,
ऐसा लगता है कि तुमसे ही,
हर सुबह शाम शुरू और ख़तम होती है।
पर हर समय ये डर लगता है,
क्या तुम्हारी बातों में भी मेरी जगह होती है?

Saturday, 1 March 2014

YOU = PARENTS/FRIENDS/BEST-EST FRIENDS

In all the walks of my life,
you were standing by my side.
No matter how much I yell at you,
still you stay calm and cool.
I hate myself when I hurt you,
I know even punishment won't do.
To keep you happy is my only aim,
but I'm fed up of my fate's game.
Failure, comparison comments are all what I hate,
but in the end, all these are in my fate.
Why can't GOD give me joy and happiness,
I just want my sorrows to be little less.
I don't know what to do,
the only thing I know is that, "I LOVE YOU = ALL OF YOU".

जाने क्यूँ???

 जाने क्यूँ ऐसा लगता है कि कुछ हुआ है,
जाने क्यूँ ऐसा लगता है कि सब जुदा है। 
हवाओँ का रुख क्यूँ बदला है,
या बदल गया पूरा नजरिया है। 
लगता है जैसे पल यहीं थम गया हो,
लगता है जैसे मौसम बदल गया हो। 
क्यूँ लगने लगी अच्छी बारिश कि बूंदें,
क्यूँ अब सुहानी लगे सूरज कि किरणे। 
कुछ भी नहीं लगता अब बुरा मुझे,
शायद हुआ ये सब, जब से पाया है तुझे। 
जाने क्यूँ शर्माऊँ अब आईना देख कर मैं,
जाने क्यूँ मुस्कुराऊँ किसी का नाम सोच कर मैं।  
जाने क्यूँ हर पल उससे मिलने कि बेताबी हैं,
जाने ये मुझे हुआ क्या है। 

MY PUJI....MY NEARD....

यादों में आपकी तो हमारे सरे दिन बीतते हैं,
हर वो पल याद आता है जब हम साथ रहते थे।
वो साथ कॉलेज जाना वो धेर सारी बातें हॉस्टल आते आते,
वो हॉस्टल में साथ साथ नास्ता खाना थे खाते।
वो सारी यादें कभी न भूल पाएंगे,
हमेशा रहता है सवाल " कि सब किसे पकाएंगे" हम।  

MY SHADOW..

Whenever life made me drown,
it was you who pulled me out.
Walked with me through miles and miles,
wiped all my tears and made me smile.
You were there as my SHADOW, 
no matter what it costs,
with you all my difficulties were lost.
In the worst pain you healed it with a touch,
never made me to worry much.
You have always hidden me inside you,
to protect me from all the blues.
From the day we were related,
all my tantrums you tolerated.